अचेतन में प्रवेश की विधि
जागते हुए नींद में प्रवेश कर स्वप्न पर अधिकार करने के दो अद्भुत प्रयोग – हमारे सपने का, हमारी गहरी नींद का अतिक्रमण कैसे हो सकता है? अतिक्रमण के संबंध में यह प्रश्न अर्थपूर्ण है, ‘क्या समझाने की कृपा करेंगे कि स्वप्न देखते हुए बोधपूर्ण…
वैराग्य नहीं , राग को गहरा करने की कला सीखना: ओशो
प्रेम के सौ रंग ————————————— मैं प्रेम—विरोधी नहीं हूं—यही मेरी देशना है। यही मेरा मौलिक संदेश है। मैं संसार—विरोधी नहीं हूं। मैं संसार के अति प्रेम में हूं। मैं तुम्हें वैराग्य नहीं सिखाता, मैं तुम्हें राग को गहरा करने की कला सिखाता हूं। मैं तुम्हें…
प्रश्न:- क्या प्रेम के बिना समर्पण हो सकता है?
ओशो:- ऐसा लगता है, बहुत बार तुम सोचते भी नहीं कि क्या पूछ रहे हो! प्रेम और समर्पण का एक ही अर्थ होता है। प्रेम के बिना कैसा समर्पण। और अगर समर्पण न हो तो कैसा प्रेम! प्रेम के बिना तो समर्पण हो ही नहीं…
गुरजिएफ कहता है, “तुम मात्र शरीर के और कुछ नहीं
जॉर्ज गुरजिएफ गुरजिएफ कहता है, “तुम मात्र शरीर के और कुछ नहीं, और जब शरीर मरेगा तुम भी मरोगे। कभी एकाध दफा कोई व्यक्ति मृत्यु से बच पाता है–केवल वही जो अपने जीवन में आत्मा का सृजन कर लेता है मृत्यु से बचता है–सब नहीं।…
नीति और धर्म दो विपरीत दिशाएं
मैं नीति और धर्म की दिशाओं को भिन्न मानता हूं; भिन्न ही नहीं, विपरीत मानता हूं—क्यों मानता हूं, उसे समझाना चाहता हूं। नीति-साधना का अर्थ है : आचरण-शुद्धि, व्यवहार-शुद्धि। वह व्यक्तित्व की परिधि—को बदलने का प्रयास है। व्यक्तित्व की परिधि मेरा दूसरों से जो संबंध…
मैं नहीं चाहता कि तुम संपूर्ण हो जाओ। OSHO
अमोघता (कभी गलत न होना) पूर्णता एक विक्षिप्त विचार है। अमोघता यानि कभी गलत न होने वाली बात मूर्ख पोलक पोप के लिए उचित है पर समझदार लोगों के लिए नहीं। बुद्धिमान व्यक्ति समझेगा कि जीवन एक जोखिम है, सतत खोज है प्रयास और गलतियों…
क्या मनुष्य को धर्म की आवश्यकता है?
वास्तविक धर्म को ईश्वर और शैतान, स्वर्ग और नरक से कुछ लेना-देना नहीं है। धर्म के लिए अंग्रेज़ी में जो शब्द है “रिलीजन’ वह महत्वपूर्ण है। उसे समझो, उसका मतलब है खंडों को, हिस्सों को संयुक्त करना; ताकि खंड-खंड न रह जाएं वरन पूर्ण हो…
प्रेम तब निर्दोष होता है जब उसमें कोई वजह नहीं होती।
प्रेम निर्दोष होता है जब यह और कुछ नहीं बस ऊर्जा का बांटना होता है। तुम्हारे पास बहुत अधिक है, इसलिए तुम बांटते हो… तुम बांटना चाहते हो। और जिसके साथ भी तुम बांटते हो, तुम उसके प्रति अनुग्रह महसूस करते हो, क्योंकि तुम बादल…
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