जब तक कि तुम पूर्ण नहीं हो, तुम पवित्र नहीं हो। OSHO
संजीवक दुनिया में प्रेम बहुत शक्तिशाली संजीवनी है; प्रेम से अधिक कुछ भी गहरा नहीं जाता। यह सिर्फ शरीर का ही उपचार नहीं करता, सिर्फ मन का ही नहीं, बल्कि आत्मा का भी उपचार करता है। यदि कोई प्रेम कर सके तो उसके सभी घाव…
लोगों को भविष्य के प्रति बेखबर रखने में राजनेताओं और पंडित -पुजारियों के निहित स्वार्थ OSHO
राजनीतिक अंधापन आणविक युद्ध क्षितिज पर है, एड्स जैसा घातक रोग तेज गति से फैल रहा है, और वैज्ञानिक कहते हैं कि पृथ्वी अपनी धूरी को इस सदी के अंत में बदल लेगी। लेकिन पंडित, राजनेता और सरकारें इन तथ्यों के बारे में सचेत क्यों…
सैकड़ों चलते हैं लेकिन मुश्किल से एक पहुंचता है-वह भी दुर्लभ है | ओशो कथा सागर
तिब्बत में यह प्राचीन कहावत है कि सैकड़ों चलते हैं लेकिन मुश्किल से एक पहुंचता है–वह भी दुर्लभ है.. मुझे एक प्राचीन तिब्बती कथा याद आती है… दो आश्रम थेः एक आश्रम तिब्बत की राजधानी लहासा में था और इसकी एक शाखा दूर कहीं…
ओशो की रहस्यमयी परिस्थितियों में हुई मृत्यु के 23 वर्ष बाद पेश हुई ओशो की ‘वसीयत’
दिल्ली। ओशो की रहस्यमयी परिस्थितियों में हुई मृत्यु के 23 वर्ष बाद उनकी एक ‘वसीयत’ सामने आई है। इसको लेकर उनके अनुयायियों के दो प्रतिद्वंद्वी गुटों के बीच उनकी संपत्ति और उनके विचारों के अधिकार को लेकर चल रहे विवाद ने एक नया मोड़ ले…
शांति की खोज | शांति कैसे मिले? | शांति और अशांति
मेरे पास न मालूम कितने लोग आते हैं। वे कहते हैं, शांत कैसे हों? मैं उनसे पूछता हूं कि पहले तुम मुझे बताओ कि तुम अशांत कैसे हुए? क्योंकि जब तक यह पता न चल जाए कि तुम कैसे अशांत हुए, तो शांत कैसे हो…
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