दुनिया को मौत सिखाने वाले ओशो मरे थे या मारे गए थे?
मृत्यु खतरनाक शब्द है. बहुतों के पसीने छूट जाते हैं ये शब्द सुनकर. बहुत लोग मरना ही नहीं चाहते. लेकिन, एक शख्स था जो मृत्यु का उत्सव मनाने की बात करता था. उसकी मौत के बाद उसके फ़ॉलोवर्स ने उत्सव मनाया भी. झूमे, नाचे, गाए….
कोरोना जैसी महामारियों से लड़ने के लिए ओशो दे गए ये ज्ञान, बहुत काम की है बात
70 के दशक में हैजा भी महामारी के रूप में पूरे विश्व में फैला था, तब अमेरिका में किसी ने ओशो रजनीश जी से प्रश्न किया- इस महामारी से कैसे बचें? तब ओशो ने विस्तार से जो समझाया वो आज कोरोना के संबंध में भी…
The Constellation of Osho’s family
THE FAMILY into which one is born – well, it certainly has a lot to say about the ground work of a person one becomes. Two person or three person families – pretty strange fare in pre-war India. Families were big then! Osho was the eldest…
SPEAKS ON ALL THE MYSTICS – OSHO Hindi Audio
“Osho does not teach any religion and does not belong to any particular religion. What he really teaches is religiousness – the real fragrance of all the flowers of existence, the Buddhas, the mystics and sages that this world has known. Osho has given thousands…
मन बहुत ही चालाक होता है, वो कुछ भी करता चला जाता है और उसे तर्कसंगत बनाता जाता है।
खिलावट “स्मरण रखें, ध्यान तुम में और-और प्रज्ञा लाएगा, अनंत प्रज्ञा, दीप्तिमान प्रज्ञा। ध्यान तुम्हें और जीवंत और संवेदनशील बना देगा। तुम्हारा जीवन समृद्ध हो जाएगा। “साधु-संतो को देखो: उनका जीवन ऐसा हो गया है जैसे कि वो जीवन ही नहीं। ये लोग ध्यानी नहीं…
आधुनिक पीढ़ी “मौन में बैठने” की कोशिश करेगी, तो उन्हें अपने भीतर का पागलपन दिखाई पड़ेगा।
ओशो समकालीन लोगों के लिए ध्यान, जागरूकता, चेतना उपलब्ध कराने में एक क्रांति का प्रतिनिधित्व करते हैं। और उस सरल प्रस्ताव का भी जो स्वयं के जीवन के बदलाव के लिए है… उनकी समझ है कि यदि आधुनिक पीढ़ी “मौन में बैठने” की कोशिश करेगी,…
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