बच्चे कभी नाजायज नहीं होते, यहां सिर्फ नाजायज अभिभावक होते हैं।
नाजायज अभिभावक बच्चे कभी नाजायज नहीं होते, यहां सिर्फ नाजायज अभिभावक होते हैं। बच्चा कैसे नाजायज हो सकता है? और नाजायज माता-पिता कौन हैं? जरूरी
नाजायज अभिभावक बच्चे कभी नाजायज नहीं होते, यहां सिर्फ नाजायज अभिभावक होते हैं। बच्चा कैसे नाजायज हो सकता है? और नाजायज माता-पिता कौन हैं? जरूरी
अनुभव करो कि तुम वजन रहित हो। जब बैठोगे तब ऐसा अनुभव करो कि तुम वजन रहित हो गए हो, तुम्हारा कोई वजन नहीं है।
सम्बन्ध सम्बन्ध एक ढांचा है, प्रेम का कोई ढांचा नहीं है। तो प्रेम सम्बंधित तो अवश्य होता है, पर कभी सम्बन्ध नहीं बनता। प्रेम एक
ध्यानी का आहार मनुष्य एक अकेली प्रजाति है जिसका आहार अनिश्चित है। अन्य सभी जानवरों का आहार निश्चित है। उनकी बुनियादी शारीरिक जरूरतें और उनका
तुम्हें कैसे पता चलता है कि कोई सचमुच तुम्हें प्रेम करता है? आदमी के व्यक्तित्व के तीन तल हैं: उसका शरीर विज्ञान, उसका शरीर, उसका
समान का समान के प्रति आकर्षण केवल एक प्रेमपूर्ण व्यक्ति- जो पहले से ही प्रेमपूर्ण है-सही साथी ढूंढ सकता है। मेरे देखे यदि तुम प्रसन्न
प्रश्न- ‘प्रेम का नाता’ क्या होता है? प्रेम और घृणा का आपस में क्या नाता है? प्रेम और घृणा के बीच वही नाता है जो
ब्रेन एंड माइन्ड, मस्तिष्क और मन; दो अलग-अलग बातें हैं। प्रायः हम दोनों को समानार्थी समझने की भूल कर बैठते हैं। वे पर्यायवाची नहीं हैं।