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उदासी, चिंता, क्रोध, क्लेश और हताशा, दुख के साथ एकमात्र समस्या यह है कि तुम इन सबसे छुटकारा पाना चाहते हो
भावनाओं से मित्रता कहीं न कहीं यह भय है जो मुझे बंद कर देता है, और कठोर और हताश, क्रोधित और आशाहीन बना देता है। यह इतना सूक्ष्म है कि मैं वस्तुत: उसे छू नहीं सकता। मैं अधिक स्पष्टता से कैसे देख सकता हूं? कहीं…
आदमी को, स्वाभाविक रूप से, एक शाकाहारी होना चाहिए, क्योंकि पूरा शरीर शाकाहारी भोजन के लिए बना है।
शाकाहारी होना आदमी को, स्वाभाविक रूप से, एक शाकाहारी होना चाहिए, क्योंकि पूरा शरीर शाकाहारी भोजन के लिए बना है। वैज्ञानिक इस तथ्य को मानते हैं कि मानव शरीर का संपूर्ण ढांचा दिखाता है कि आदमी गैर-शाकाहारी नहीं होना चाहिए। आदमी बंदरों से आया है।…
उदासी उतना उदास नहीं करती, जितना उदासी आ गई, यह बात उदास करती है। OSHO
उदासी उदासी उतना उदास नहीं करती, जितना उदासी आ गई, यह बात उदास करती है। उदासी की तो अपनी कुछ खूबियां हैं, अपने कुछ रहस्य हैं। अगर उदासी स्वीकार हो तो उदासी का भी अपना मजा है। मुझे कहने दो इसी तरह, कि उदासी का…
हृदय तुम्हें सभी तरह की कल्पनाएं, भ्रम, छल, मधुर सपने देगा
मेरा मार्ग हृदय का मार्ग बताया जाता रहा है, लेकिन यह सत्य नहीं है। हृदय तुम्हें सभी तरह की कल्पनाएं, भ्रम, छल, मधुर सपने देगा–लेकिन यह तुम्हें सत्य नहीं दे सकता। सत्य दोनों के पार है; यह तुम्हारी चेतना में है, जो कि न तो…
बच्चे कभी नाजायज नहीं होते, यहां सिर्फ नाजायज अभिभावक होते हैं।
नाजायज अभिभावक बच्चे कभी नाजायज नहीं होते, यहां सिर्फ नाजायज अभिभावक होते हैं। बच्चा कैसे नाजायज हो सकता है? और नाजायज माता-पिता कौन हैं? जरूरी नहीं कि जिन्होंने शादी नहीं की। कोई भी बच्चा जो माता-पिता के प्रेम के बिना पैदा होता है उन्हें नाजायज…
वजन शरीर का होता है, तुम्हारा नहीं। तुम वजन रहित हो।
अनुभव करो कि तुम वजन रहित हो। जब बैठोगे तब ऐसा अनुभव करो कि तुम वजन रहित हो गए हो, तुम्हारा कोई वजन नहीं है। तुम्हें ऐसा लगेगा को कहीं न कहीं कोई वजन है लेकिन वजन न होने को अनुभव करते रहो। वह आता…
सचेत हो जाओ! सम्बन्ध प्रेम को नष्ट कर देता है, वह उसके जन्म की सारी संभावनाओं को नष्ट कर देता है।
सम्बन्ध सम्बन्ध एक ढांचा है, प्रेम का कोई ढांचा नहीं है। तो प्रेम सम्बंधित तो अवश्य होता है, पर कभी सम्बन्ध नहीं बनता। प्रेम एक क्षण-से-क्षण की प्रक्रिया है। स्मरण रखें। प्रेम तुम्हारे होने कि स्तिथि है, वह कोई सम्बन्ध नहीं। ऐसे लोग हैं जो…
निषेध का बड़ा आकर्षण है (Prohibition is Attraction)
“निषेध में निमंत्रण है, आकर्षण है” – ओशो जिन मुल्कों में कानून बन जाता है कि शराब बंद, प्रोहिबीशन लागू, उन मुल्कों में लोग दुगुनी शराब पीने लगते हैं। यह सारी दुनिया जानती है। फिर भी मूढ़ता का कोई अंत नहीं है। फिर भी पागल…
केवल एक प्रेमपूर्ण व्यक्ति- जो पहले से ही प्रेमपूर्ण है-सही साथी ढूंढ सकता है। OSHO
समान का समान के प्रति आकर्षण केवल एक प्रेमपूर्ण व्यक्ति- जो पहले से ही प्रेमपूर्ण है-सही साथी ढूंढ सकता है। मेरे देखे यदि तुम प्रसन्न हो तो तुम कोई ऐसा व्यक्ति खोज लोगे जो प्रसन्न है। दु:खी लोग दु:खी लोगों के प्रति आकार्षित होते हैं।…
भगवान बुद्ध ने मन को स्मृति-आलय कहा है- स्टोरहाउस अॅाफ मेमोरी” – ओशो
ब्रेन एंड माइन्ड, मस्तिष्क और मन; दो अलग-अलग बातें हैं। प्रायः हम दोनों को समानार्थी समझने की भूल कर बैठते हैं। वे पर्यायवाची नहीं हैं। इसे कम्प्यूटर के उदाहरण से समझना सरल होगा। दिमाग हमारे भौतिक शरीर का हिस्सा है। देह को हार्डवेयर तथा दिमाग…
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