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आध्यात्मिक गुरु ओशो के सर्वश्रेष्ठ प्रेरणादायक अनमोल विचार
ओशो रजनीश, 20 वीं सदी के सबसे महान विचारक और आध्यात्मिक गुरु के तौर पर जाने जाते हैं| धर्म और पाखंड पर कड़े व्यंग्य करने की वजह से अनेकों बार उनका विरोध भी हुआ परन्तु उनके दार्शनिक विचार आज भी प्रेरणा स्रोत हैं| ओशो का कहना था कि आप बिना जाने किसी भी धर्म या पाखंड पर विश्वास ना करें, ईश्वर ने आपको सद्बुद्धि दी है, उसका इस्तेमाल करें और सत्य की ओर चलें| ओशो…
एक ओंकार सतनाम – Ek Omkar Satnam – osho
“नानक ने परमात्मा को गा-गाकर पाया। गीतों से पटा है मार्ग नानक का। इसलिए नानक की खोज बड़ी भिन्न है। नानक ने योग नहीं किया, तप नहीं किया, ध्यान नहीं किया। नानक ने सिर्फ गाया। और गाकर ही पा लिया। लेकिन गाया उन्होंने इतने पूरे प्राण से कि गीत ही ध्यान हो गया, गीत ही योग बन गया, गीत ही तप हो गया।”—ओशो नानक-वाणी पर ओशो के प्रवचनों ने कुछ ऐसी चीजों को लेकर मेरे…
हमें लोगों से मिलना इतना मुश्किल क्यों लगता है?
“इसे देखें – आप किसी से कैसे संबंधित हो सकते हैं? दूसरा आपकी पकड़ से बाहर रहता है। दूसरा अन्य बना रहता है, पहुंच से बाहर। आप परिधि को छू सकते हैं और दूसरा यह भी दिखावा कर सकता है कि हां, आपने रिश्ता बनाया है, लेकिन हम अकेले रहते हैं। रिश्ते सिर्फ दिखावे के लिए होते हैं। वे मदद करते हैं, वे एक तरह से मदद करते हैं। वे हमें यह महसूस करने की अनुमति देते हैं कि हम अकेले नहीं…
Osho Audio Discourse Hindi – A
The extracts in this anthology are taken from Osho’s books. They comprise parts of Osho’s books in which he refers to himself, his family and friends, and his vision. Osho’s books were not written, but are verbatim transcripts of Osho’s discourses; darshans, interviews with disciples, visitors, and journalists; letters written by Osho; and personal talks which Osho gave. 001 Adhyatam Upanishad (अध्यात्म उपनिषद्) # 1-17 Play & Download 002 Ami Jharat Bigsat Kanwal (अमी झरत, बिगसत…
जागरण और विश्रांति Meditation for busy people
जागरण और विश्रांति पहला चरण: प्रति दिन सजगता ” प्रति दिन सामान्य क्रियाओं के बारे में सजग रहना सीखो, और जब अपनी सामान्य क्रियाएं कर रहे हो तब रिलैक्स रहो। तनाव लेने की कोई जरूरत नहीं है। जब तुम फर्श को धो रहे हो, तब तनावपूर्ण होने की क्या जरूरत? या जब तुम खाना बना रहे हो तब तनाव पूर्ण होने की क्या जरूरत? जीवन एक भी मौका ऐसा नहीं है जिसमें तुम्हारे तनाव की…
दोस्ती की मेरी समझ गलत है तो दोस्ती क्या है?
मेरे कई दोस्त हैं, लेकिन संकट के इस समय में सवाल आया: सच्चा दोस्त कौन है? “आप गलत छोर से पूछ रहे हैं। कभी मत पूछो, ‘मेरा असली दोस्त कौन है?’ पूछो, ‘क्या मैं किसी का सच्चा दोस्त हूँ?’ यही सही सवाल है। आप दूसरों के बारे में चिंतित क्यों हैं – वे आपके मित्र हैं या नहीं? “कहावत है: जरुरतमंद दोस्त ही दोस्त होता है। लेकिन गहरे में वह लालच है! वह दोस्ती नहीं है, वह प्यार नहीं है। तुम दूसरे को…
खुले-आम सेक्स, नशा और आजादी! ओशो के आश्रम बच्चे का अनुभव
ओशो की ‘मायावी दुनिया’ का अनुभव इस बच्चे के लिए कैसा था? ओशो की विचारधारा से प्रभावित होने के बाद लोगों की जिंदगी बदल जाती है. वाइल्ड वाइल्ड कंट्री में नोवा मैक्सवेल नाम के व्यक्ति के बारे में दिखाया गया है कि कैसे उसका बचपन रजनीश यानी ओशो के आश्रम में गुजरा और बाहर आने के बाद उसकी जिंदगी कैसे बदल गई. एक पत्रकार ने नोवा का इंटरव्यू किया है जो ‘द गार्जियन’ में छपी…
गौतम बुद्ध की एक ध्यान-विधि – OSHO Vipassana Meditation™
यह विधि गौतम बुद्ध की एक ध्यान-विधि पर आधारित है। यह सजगता, जागरूकता, होशपूर्णता और साक्षीत्व के अभ्यास के लिए है। ओशो की विपस्सना विधि नीरस न होकर एक सुखद, “रसपूर्ण” अनुभव है। विपस्सना ध्यान कई प्रकार से किया जा सकता है। निम्नलिखित ओशो की विपस्सना ध्यान-विधि एक घंटे की है और दो चरणों में विभाजित है। निर्देश:यह एक घंटे का ध्यान है और इसके दो चरण हैं। इसमें 45 मिनट तक बैठना है और उसके बाद 15 मिनट तक…
ओशो के ‘नव-संन्यास’ आंदोलन का सूत्रपात
नव संन्यास : वर्ष 1970 में मनाली के एक ध्यान शिविर में, ‘श्रीकृष्ण मेरी दृष्टि में’ प्रवचनमाला के साथ-साथ ओशो के ‘नव-संन्यास’ आंदोलन का सूत्रपात हुआ। इस दौरान उन्होंने दुनियाभर के धर्मों में प्रचलित संन्यास से भिन्न एक नए तरह का संन्यासी होने का कॉन्सेप्ट रखा।ओशो ने एक हंसते-खेलते अभिनव संन्यास की प्रस्तावना की। इस संन्यास में कोई त्याग और पलायन नहीं है, बल्कि ध्यान द्वारा स्वयं को रूपांतरित करके जीवन को और सुंदर व सृजनात्मक…
गांधी का विरोध : ओशो ने अपने अधिकतर प्रवचनों में गांधीजी का विरोध किया है
ओशो ने अपने अधिकतर प्रवचनों में गांधीजी की विचारधारा का विरोध किया है। उनका मानना था कि यह विचारधारा मनुष्य को पीछे ले जाने वाली विचारधारा है। यह आत्मघाती विचारधारा है। ओशो कहते हैं, ‘गांधी गीता को माता कहते हैं, लेकिन गीता को आत्मसात नहीं कर सके, क्योंकि गांधी की अहिंसा युद्ध की संभावनाओं को कहां रखेगी? तो गांधी उपाय खोजते हैं, वे कहते हैं कि यह जो युद्ध है, यह सिर्फ रूपक है, यह कभी…
ओशो के सेक्स संबंधी कुछ विचार : OSHOLIFESTYLE
संभोग से समाधि की ओर : ‘संभोग से समाधि की ओर’ उनकी बहुचर्चित पुस्तक है, लेकिन इससे कहीं ज्यादा अधिक सेक्स के संबंध में अन्य दूसरी पुस्तकों में उन्होंने सेक्स को एक अनिवार्य और नैसर्गिक कृत्य बताकर इसका समर्थन किया है। जबकि आमतौर पर दुनियाभर के धर्म सेक्स का विरोध करते हैं। संन्यास लेना हो या किसी भी संप्रदाय का संत बनना हो तो पहली शर्त ही यह है कि ब्रह्मचर्य का पालन करें, लेकिन ओशो…
न हंसे और न रोए – बेहद शरारती और निर्भीक
विश्व प्रसिद्ध दार्शनिक आचार्य रजनीश, जिन्हें पूरा संसार ओशो के नाम से जानता है। ओशो का जन्म कुचवाड़ा (रायसेन, मप्र) में हुआ, बचपन गाडरवारा में बीता और उच्च शिक्षा जबलपुर में हुई। ओशो के जीवन के कई अनछुए पहलू हैं, उन्होंने जीवन के रहस्यों को किशोरावस्था के दौरान गाडरवारा में ही जान लिया। विश्व प्रसिद्ध दार्शनिक आचार्य रजनीश, जिन्हें पूरा संसार ओशो के नाम से जानता है। ओशो का जन्म कुचवाड़ा (रायसेन, मप्र) में हुआ,…
आस-पास के लोग अभी भी पागल ही समझते हैं एक-दूसरे को।
माइग्रेन डाइनैमिक मेडिटेशन के दूसरे चरण में रेचन करना एक पागलपन प्रतीत होता है। इस संबंध में एक ध्यानी का प्रश्न: “यदि घर पर इसे हम जारी रखेंगे, चिल्लाएं या नाचें या हंसें तो आस-पास के लोग पागल समझने लगेंगे।” आस-पास के लोग अभी भी पागल ही समझते हैं एक-दूसरे को। कहते न होंगे, यह दूसरी बात है। यह पूरी जमीन करीब-करीब मैड हाउस है, पागलखाना है। अपने को छोड़ कर बाकी सभी लोगों को…
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