Health

An ill person needs sex, a healthy person loves, and love is a totally different thing. And when two healthy persons meet, health is multiplied. Then they can become helpers to each other for the ultimate.

हमें लोगों से मिलना इतना मुश्किल क्यों लगता है?

“इसे देखें – आप किसी से कैसे संबंधित हो सकते हैं? दूसरा आपकी पकड़ से बाहर रहता है। दूसरा अन्य बना रहता है, पहुंच से बाहर। आप परिधि को छू सकते हैं और दूसरा यह भी दिखावा कर सकता है कि हां, आपने रिश्ता बनाया है, लेकिन हम अकेले रहते हैं। रिश्ते सिर्फ दिखावे के लिए होते हैं। वे मदद करते […]

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80 के दशक में 10 चौंकाने वाली बातें जो ओशो के कुख्यात ’80 के दशक में 10 चौंकाने वाली बातें जो ओशो के कुख्यात ‘सेक्स कल्ट’ के तौर पर हो रही थीं’ के तौर पर हो रही थीं

इसके अलग होने के 30 साल बाद, भगवान श्री रजनीश का कुख्यात ‘सेक्स पंथ’ नेटफ्लिक्स के वाइल्ड वाइल्ड कंट्री की बदौलत फिर से सुर्खियों में है।. यहां रजनीशपुरम और उसके आसपास हुई 10 कुख्यात चीजें हैं: 1. भगवान रजनीश के कथित तौर पर 90 से अधिक रोल्स रॉयस थे ।  विलासिता का शौक रखने वाला एक व्यक्ति, वह अपनी पसंदीदा कार में क्षेत्र

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कोरोना जैसी महामारियों से लड़ने के लिए ओशो दे गए ये ज्ञान, बहुत काम की है बात

70 के दशक में हैजा भी महामारी के रूप में पूरे विश्व में फैला था, तब अमेरिका में किसी ने ओशो रजनीश जी से प्रश्न किया- इस महामारी से कैसे बचें? तब ओशो ने विस्तार से जो समझाया वो आज कोरोना के संबंध में भी बिल्कुल प्रासंगिक है। ओशो ने कहा कि यह प्रश्न ही

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मन बहुत ही चालाक होता है, वो कुछ भी करता चला जाता है और उसे तर्कसंगत बनाता जाता है।

खिलावट “स्मरण रखें, ध्यान तुम में और-और प्रज्ञा लाएगा, अनंत प्रज्ञा, दीप्तिमान प्रज्ञा। ध्यान तुम्हें और जीवंत और संवेदनशील बना देगा। तुम्हारा जीवन समृद्ध हो जाएगा। “साधु-संतो को देखो: उनका जीवन ऐसा हो गया है जैसे कि वो जीवन ही नहीं। ये लोग ध्यानी नहीं हैं। ये अपने आप को सताने वाले लोग हैं, खुद

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आधुनिक पीढ़ी “मौन में बैठने” की कोशिश करेगी, तो उन्हें अपने भीतर का पागलपन दिखाई पड़ेगा।

ओशो समकालीन लोगों के लिए ध्यान, जागरूकता, चेतना उपलब्ध कराने में एक क्रांति का प्रतिनिधित्व करते हैं। और उस सरल प्रस्ताव का भी जो स्वयं के जीवन के बदलाव के लिए है… उनकी समझ है कि यदि आधुनिक पीढ़ी “मौन में बैठने” की कोशिश करेगी, तो उन्हें अपने भीतर का पागलपन दिखाई पड़ेगा। उनकी इस

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लोग मुहब्बत के लिए वेष्याओं के पास जा रहे है। सोचते हैं । रुपया देने से प्रेम कैसे मिल सकता है ? OSHO

कैसी-कैसी विडंबनाऐं(imitation) पेैदा हो जाती है। लोग मुहब्बत के लिए वेष्याओं के पास जा रहे है। सोचते हैं, शायद पैसा देने से मिल जाएगा। रुपया देने से प्रेम कैसे मिल सकता है ? प्यार को तो खरीदा नहीं जा सकता। लोग सोचते हैं, जब हम बडे पद पर होंगे, तो मिल जायेगा । पर चाहे

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पुरुष बिलकुल अधूरा है, स्त्री के बिना तो बहुत अधूरा है। OSHO

बुनियादी भूल जो सारी शिक्षा और सारी सभ्यता को खाए जा रही है, वह यह है कि अब तक के जीवन का सारा निर्माण पुरुष के आसपास हुआ है, स्त्री के आसपास नहीं। अब तक की सारी सभ्यता, सारी संस्कृति, सारी शिक्षा पुरुष ने निर्मित की है, पुरुष के ढंग से निर्मित हुई है, स्त्री

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स्त्रियों ने उद्‍घोषणा की है समानता की, तो पुरुषों की छाती पर साँप लौट रहे हैं OSHO

पहली दफा दुनिया में एक स्वतंत्रता की हवा पैदा हुई है, लोकतंत्र की हवा पैदा हुई है और स्त्रियों ने उद्‍घोषणा की है समानता की, तो पुरुषों की छाती पर साँप लौट रहे हैं। मगर मजा भी यह है कि पुरुषों की छाती पर साँप लौटे, यह तो ठीक, स्त्रियों की छाती पर साँप लौट

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