हमें लोगों से मिलना इतना मुश्किल क्यों लगता है?
“इसे देखें – आप किसी से कैसे संबंधित हो सकते हैं? दूसरा आपकी पकड़ से बाहर रहता है। दूसरा अन्य बना रहता है, पहुंच से बाहर। आप परिधि को
“इसे देखें – आप किसी से कैसे संबंधित हो सकते हैं? दूसरा आपकी पकड़ से बाहर रहता है। दूसरा अन्य बना रहता है, पहुंच से बाहर। आप परिधि को
इसके अलग होने के 30 साल बाद, भगवान श्री रजनीश का कुख्यात ‘सेक्स पंथ’ नेटफ्लिक्स के वाइल्ड वाइल्ड कंट्री की बदौलत फिर से सुर्खियों में है।. यहां रजनीशपुरम और
70 के दशक में हैजा भी महामारी के रूप में पूरे विश्व में फैला था, तब अमेरिका में किसी ने ओशो रजनीश जी से प्रश्न
खिलावट “स्मरण रखें, ध्यान तुम में और-और प्रज्ञा लाएगा, अनंत प्रज्ञा, दीप्तिमान प्रज्ञा। ध्यान तुम्हें और जीवंत और संवेदनशील बना देगा। तुम्हारा जीवन समृद्ध हो
ओशो समकालीन लोगों के लिए ध्यान, जागरूकता, चेतना उपलब्ध कराने में एक क्रांति का प्रतिनिधित्व करते हैं। और उस सरल प्रस्ताव का भी जो स्वयं
कैसी-कैसी विडंबनाऐं(imitation) पेैदा हो जाती है। लोग मुहब्बत के लिए वेष्याओं के पास जा रहे है। सोचते हैं, शायद पैसा देने से मिल जाएगा। रुपया
बुनियादी भूल जो सारी शिक्षा और सारी सभ्यता को खाए जा रही है, वह यह है कि अब तक के जीवन का सारा निर्माण पुरुष
पहली दफा दुनिया में एक स्वतंत्रता की हवा पैदा हुई है, लोकतंत्र की हवा पैदा हुई है और स्त्रियों ने उद्घोषणा की है समानता की,