Love

The more loving they are, the less is the possibility of any demand, any domination, any expectation. And naturally, there is no question of any frustration.” Osho, I remember you saying, “Don’t surrender to a person, surrender to love.”

80 के दशक में 10 चौंकाने वाली बातें जो ओशो के कुख्यात ’80 के दशक में 10 चौंकाने वाली बातें जो ओशो के कुख्यात ‘सेक्स कल्ट’ के तौर पर हो रही थीं’ के तौर पर हो रही थीं

इसके अलग होने के 30 साल बाद, भगवान श्री रजनीश का कुख्यात ‘सेक्स पंथ’ नेटफ्लिक्स के वाइल्ड वाइल्ड कंट्री की बदौलत फिर से सुर्खियों में है।. यहां रजनीशपुरम और उसके आसपास हुई 10 कुख्यात चीजें हैं: 1. भगवान रजनीश के कथित तौर पर 90 से अधिक रोल्स रॉयस थे ।  विलासिता का शौक रखने वाला एक व्यक्ति, वह अपनी पसंदीदा कार में क्षेत्र […]

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मन बहुत ही चालाक होता है, वो कुछ भी करता चला जाता है और उसे तर्कसंगत बनाता जाता है।

खिलावट “स्मरण रखें, ध्यान तुम में और-और प्रज्ञा लाएगा, अनंत प्रज्ञा, दीप्तिमान प्रज्ञा। ध्यान तुम्हें और जीवंत और संवेदनशील बना देगा। तुम्हारा जीवन समृद्ध हो जाएगा। “साधु-संतो को देखो: उनका जीवन ऐसा हो गया है जैसे कि वो जीवन ही नहीं। ये लोग ध्यानी नहीं हैं। ये अपने आप को सताने वाले लोग हैं, खुद

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सैकड़ों चलते हैं लेकिन मुश्किल से एक पहुंचता है-वह भी दुर्लभ है | ओशो कथा सागर

तिब्बत में यह प्राचीन कहावत है कि सैकड़ों चलते हैं लेकिन मुश्किल से एक पहुंचता है–वह भी दुर्लभ है..   मुझे एक प्राचीन तिब्बती कथा याद आती है… दो आश्रम थेः एक आश्रम तिब्बत की राजधानी लहासा में था और इसकी एक शाखा दूर कहीं पहाड़ों के भीतर थी। वह लामा, जो इस आश्रम का

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मुझे स्कालरशिप चाहिए थी। बजाय लंबे रास्तों के, मैं सीधे वाइस चांसलर के दफ्तर में पहुंच गया। OSHO

मैं विश्वविद्यालय में शिक्षा के लिए भर्ती हुआ। मुझे स्कालरशिप चाहिए थी। बजाय लंबे रास्तों के, मैं सीधे वाइस चांसलर के दफ्तर में पहुंच गया। वाइस चांसलर ने कहा, यह ठीक नहीं है, जहां दरख्वास्त देनी है वहां दरख्वास्त दो, और समय पर तुम्हें उत्तर मिल जाएगा। मैंने कहा, अंततः आपको निर्णय करना है। व्यर्थ

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कोई स्त्री किसी पुरुष से जाकर सीधा नहीं कहती कि मैं तुम्हें प्रेम करती हूं। प्रतीक्षा करती है कि पुरुष उससे कहें। OSHO

स्त्री और पुरुष के बीच कोई स्थिर संबंध निर्मित नहीं हो पाता। हो भी नहीं सकता। सब संबंध अस्थिर होंगे। क्षण भर पहले जहां प्रेम है, क्षण भर बाद वहीं घृणा हो जाए। यह स्वाभाविक है। इसको बदलने का भी कोई उपाय नहीं है। ऐसा है जब तक कि व्यक्ति अंदर की तरफ यात्रा पर

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लोग मुहब्बत के लिए वेष्याओं के पास जा रहे है। सोचते हैं । रुपया देने से प्रेम कैसे मिल सकता है ? OSHO

कैसी-कैसी विडंबनाऐं(imitation) पेैदा हो जाती है। लोग मुहब्बत के लिए वेष्याओं के पास जा रहे है। सोचते हैं, शायद पैसा देने से मिल जाएगा। रुपया देने से प्रेम कैसे मिल सकता है ? प्यार को तो खरीदा नहीं जा सकता। लोग सोचते हैं, जब हम बडे पद पर होंगे, तो मिल जायेगा । पर चाहे

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पुरुष बिलकुल अधूरा है, स्त्री के बिना तो बहुत अधूरा है। OSHO

बुनियादी भूल जो सारी शिक्षा और सारी सभ्यता को खाए जा रही है, वह यह है कि अब तक के जीवन का सारा निर्माण पुरुष के आसपास हुआ है, स्त्री के आसपास नहीं। अब तक की सारी सभ्यता, सारी संस्कृति, सारी शिक्षा पुरुष ने निर्मित की है, पुरुष के ढंग से निर्मित हुई है, स्त्री

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स्त्रियों ने उद्‍घोषणा की है समानता की, तो पुरुषों की छाती पर साँप लौट रहे हैं OSHO

पहली दफा दुनिया में एक स्वतंत्रता की हवा पैदा हुई है, लोकतंत्र की हवा पैदा हुई है और स्त्रियों ने उद्‍घोषणा की है समानता की, तो पुरुषों की छाती पर साँप लौट रहे हैं। मगर मजा भी यह है कि पुरुषों की छाती पर साँप लौटे, यह तो ठीक, स्त्रियों की छाती पर साँप लौट

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