बुद्ध की तुलना में सभी महान धार्मिक गुरु बहुत छोटे पड़ जाते हैं। OSHO
बुद्ध पूरी तरह से स्वतंत्रता के लिए अकेले खड़े हैं। बिना स्वतंत्रता के व्यक्ति अपने परम रहस्य को नहीं जान सकता; जंजीरों में बंधा हुआ
बुद्ध पूरी तरह से स्वतंत्रता के लिए अकेले खड़े हैं। बिना स्वतंत्रता के व्यक्ति अपने परम रहस्य को नहीं जान सकता; जंजीरों में बंधा हुआ
प्रश्न:एक मित्र ने पूछा है कि सदगुरु की खोज हम अज्ञानी जन कर ही कैसे सकते हैं? यह थोड़ा जटिल सवाल है और समझने योग्य।
एक कहानी मैंने पढ़ी, तो मैं हैरान हुआ। उसमें कहा गया था : यह कोई अमीर का महल नहीं है जिसमें जगह न हो। यह
*भीतर कुछ और , बाहर कुछ और..* एक रात ऐसा हुआ। एक घर में एक मां थी और उसकी बेटी थी। और उन दोनों को
गौतम बुद्ध ज्ञान को उपलब्ध होने के बाद घर वापस लौटे। बारह साल बाद वापस लौटे। जिस दिन घर छोड़ा था, उनका बच्चा, उनका बैटा
ध्वनि के केंद्र में स्नान करो, मानो किसी जलप्रपात की अखंड ध्वनि में स्नान कर रहे हो। या कानों में अंगुली डाल कर नादों के
यदि तुम अप्रसन्न हो तो इसका सरल सा अर्थ यह है कि तुम अप्रसन्न होने की तरकीब सीख गए हो। और कुछ नहीं। अप्रसन्नता तुम्हारे
प्रेम स्थायी या अनंत नहीं है। ध्यान रहे, कवि जो कहते हैं वह सत्य नहीं है। उनकी कसौटियों को मत लो कि सच्चा प्रेम अनंत