“रात्रि ध्यान” खासकर उनके लिए जिन्हें अनिद्रा की तकलीफ हो। – ओशो
यह विधि बहुत-बहुत बुनियादी है। इसे बहुत प्रयोग में लाया गया—विशेषकर बुद्ध के द्वारा। और इस विधि के अनेक प्रकार है। उदाहरण के लिए, रात में जब तुम सोने लगो, गहरी नींद में उतरने लगो तो पूरे दिन के अपने जीवन को याद करो। इस…
जब कामवासना पकड़े , तब डरो मत। शांत होकर बैठ जाओ। जोर से श्वास को बाहर फेंको – OSHO
भीतर मत लो श्वास को। क्योंकि जैसे भी तुम भीतर गहरी श्वास को लोगे, भीतर जाती श्वास काम-ऊर्जा को नीचे की तरफ धकाती है। जब तुम्हें काम-वासना पकड़े, तब एक्सहेल करो। बाहर फेंको श्वास को। नाभि को भीतर खींचो, पेट को भीतर लोग और श्वास…
ओशो साहित्य | चल ओशो के गाँव में |‘जहाँ ध्यान प्रेम की छांव है, वही ओशो का गांव है। OSHO
प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश ‘‘जहाँ ध्यान प्रेम की छांव है, वही ओशो का गांव है।’’ ओशो परम दुर्लभ घटना है अस्तित्व की। ओशो की आवाज जब बहती हुई पवन की तरह किसी के अंतर में सरसराती है, एक बादल की तरह बूँद-बूँद बरसती…
सचेत हो जाओ! सम्बन्ध प्रेम को नष्ट कर देता है, वह उसके जन्म की सारी संभावनाओं को नष्ट कर देता है।
सम्बन्ध सम्बन्ध एक ढांचा है, प्रेम का कोई ढांचा नहीं है। तो प्रेम सम्बंधित तो अवश्य होता है, पर कभी सम्बन्ध नहीं बनता। प्रेम एक क्षण-से-क्षण की प्रक्रिया है। स्मरण रखें। प्रेम तुम्हारे होने कि स्तिथि है, वह कोई सम्बन्ध नहीं। ऐसे लोग हैं जो…
“प्रभु कृपा का एहसास कैसे हो?” – मा ओशो प्रिया
प्रश्न:भक्तगण कहते हैं परमात्मा सर्वत्र है। उसकी मेहरबानी सदा बरस ही रही है। फिर भी सब लोगों को प्रभु कृपा का एहसास क्यों नहीं होता? ईश्वर के प्रति श्रद्धा, भक्ति, शुक्रगुजारी कैसे जन्में? कृपया समझाने की अनुकंपा करें। मेरे प्रिय आत्मन् नमस्कार। परमात्मा में हम…
“Garrick Clothing and Garland Use in Sociology!” – Osho
प्रश्न- गैरिक वस्त्र और माला, ध्यान और साक्षी-साधना में कहां तक सहयोगी हैं? चाहो तो हर चीज सहयोगी है। चाहो तो छोटी-छोटी चीजों से रास्ता बना ले सकते हो। कहते हैं, राम ने जब पुल बनाया लंका को जोड़ने को, जब सागर-सेतु बनाया तो छोटी-छोटी…
अवधान को बढ़ाना
जहां कहीं भी तुम्हारा अवधान उतरे, उसी बिंदु पर, अनुभव। इस विधि में सबसे पहले तुम्हें अवधान साधना होगा, अवधान का विकास करना होगा। तुम्हें एक भांति का अवधानपूर्ण रुख, रुझान विकसित करना होगा; तो ही यह विधि संभव होगी। और तब जहां कहीं भी…
जब से मैं प्रेम में हूं, मैं अकेलापन और जरूरतमंद महसूस नहीं करता। OSHO Times | The Other: Myself
जब से मैं प्रेम में हूं, मैं अकेलापन और जरूरतमंद महसूस नहीं करता। इसी समय में एक नये तरह का एकांत महसूस करता हूं। यह ऐसे लगता है जैसे कि पोषित कर रहा है। क्या हो रहा है?’ प्रेम हमेशा एकांत लाता है। अकेलापन हमेशा…
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